सेहत की सुरक्षा के लिए अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की हर साल समीक्षा करें. इस दौरान अपना सुरक्षा कवर मजबूत करने के लिए कुछ जरूरी फीचर्स पर गौर करें
ग्रामीण क्षेत्र या छोटे शहर में रहने वालों को हेल्थ इंश्योरेंस बड़े शहरों की तुलना में सस्ता मिलता है. लेकिन जब इस बीमा का इस्तेमाल वो बड़े शहर में करते हैं तो प्रीमियम का प्राइस डिफरेंस देना पड़ता है.
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम लेने के ऐन वक्त पर गच्चा दे दिया या फिर बीमा कवर बढ़वाने के लिए लेना चाहते हैं नया बीमा.
सरकार कोरोना को लेकर निश्चिंत सी लग रही है. शायद यही वजह है कि वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए इस बार बजट में कोई ज्यादा राशि नहीं बढ़ाई
मनी9 का रेडियो कार्यक्रम ‘अर्थात’ बहुत खास होगा. आप इसे सुनेंगे भी, पढ़ेंगे भी और बहुत जल्द देखेंगे भी. हालांकि उससे पहले आप यह कार्यक्रम जरूर सुनें.
बतौर इंसेंटिव इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी होल्डर्स को अलग-अलग सर्विसेज दे सकती हैं. ये वैल्यू एडिशन उपभोक्ताओं को बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के मिलेगा.
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के नेटवर्क का और विस्तार होगा और उसमें अस्पताल और क्लीनिक शामिल होते जाएंगे.
यदि इंश्योर्ड व्यक्ति को दिल से जुड़ी किसी बीमारी का पता चलता है, तो इंश्योरर एकमुश्त राशि का भुगतान करता है.
आपकी नई बीमा पॉलिसी में ट्रांसफर हो जाएगा. पोर्टेबिलिटी का बड़ा लाभ यह है कि आप अपने मेडिकल खर्चो पर नियंत्रण रख पाते है.
मरीज को व्यक्तिगत रूप से देखभाल मिल पाती है, क्योंकि नर्सिंग की सेवा पूरी तरह से संबंधित मरीज के लिए ही होती है.